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भागलपुर, 23 दिसंबर (हि.स.)। भागलपुर समाहरणालय पर सोमवार को गंगा मुक्ति आंदोलन के बैनर तले अपने साथी संगठनों जल श्रमिक संघ, बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ के साथ मिलकर धरना दिया गया। धरने में लगभग 400 स्त्री पुरुष शामिल थे। धरना स्थल पर एक सभा भी हुई। सभा को संबोधित करते हुए जल श्रमिक संघ के प्रदेश संयोजक योगेंद्र सहनी ने कहा कि वन विभाग बिहार सरकार द्वारा दिए गए निःशुल्क शिकारमाही के अधिकार को शिथिल करना चाहती है। पिछले दिनों वन विभाग ने हजारों रुपए का जाल गंगा किनारे से उठा लिया है और कर्मचारियों ने महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया।
गंगा मुक्ति आंदोलन के वरिष्ठ संगठक उदय ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद मछुओं को करमुक्त मछली पकड़ने का अधिकार मिला है। जिसे सरकार ने निरस्त नहीं किया है। वन विभाग डॉल्फिन पर नगर निगम के कचरे और एनटीपीसी के कचरे से होने वाले नुकसान पर मुंह क्यों नहीं खोलता ? वन विभाग प्रदूषण से मरने वाले सोंस की संख्या सार्वजनिक क्यों नहीं करता ? संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश संयोजक पत्रकार दिनेश सिंह ने कहा कि हवा पानी जमीन प्रकृति है इस पर जीने वाले समुदाय का ही इस पर हक है।
उन्होंने ने कहा कि मत्स्यजीवी भी किसान ही हैं। हमारा पूरा समर्थन गंगा मुक्ति आंदोलन के साथ है। पसमांदा मुस्लिम महाज के सलाउद्दीन ने कहा कि गंगा राष्ट्रीय धरोहर है। ये हिंदू मुसलमान सभी का है। धरना के बाद जिलाधिकारी को संबोधित एक मांग पत्र उनकी अनुपस्थिती में एडीएम मिथिलेश कुमार को सौंपा गया। इस मांग पत्र में वन विभाग पर मुकदमा चलाने, मत्स्य विभाग द्वारा निःशुल्क शिकारमाही का परिचय जारी करने और फ्री फिशिंग एक्ट बनाने की मांग की गई है। कार्यक्रम में राहुल, सुनील सहनी, अर्जुन सहनी, रेणु सिंह, अजय सहनी सूरज सहनी, अनिरुद्ध, रविंद्र कुमार सिंह, रोहित कुमार और गौतम कुमार ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर