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धर्मशाला, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश के निराश्रित बच्चे अब ‘चिल्ड्रेन ऑफ स्टेट’ हैं और उनकी शिक्षा व देखभाल प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी होने के नाते सरकार की प्राथमिकता है। देश में अनाथ बच्चों की देखभाल और सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश सरकार की यह ऐतिहासिक पहल समाज के संवेदनशील वर्गों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने अनाथ बच्चों के कल्याण, पालन-पोषण और शिक्षा का उत्तरदायित्व संभाला है। इन बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन और बेहतरीन अवसर उपलब्ध करवाने के लिए सरकार कार्य कर रही है।
देहरा विधानसभा क्षेत्र के हरिपुर में एक निजी स्कूल के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए विधायक कमलेश ठाकुर ने यह उद्गार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि यह बच्चे कल को नेता, डॉक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट, आदि बनेंगे और प्रदेश व देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को सही रास्ता दिखाने का काम माता पिता के साथ-साथ अध्यापक भी करते हैं।
झकलेड़ में सुनी जनसमस्याएं
इससे पूर्व कमलेश ठाकुर ने ग्राम पंचायत झकलेड़ में जन समस्याओं को सुना। विद्यायक ने लोगों की समस्याओं को सुनते हुए अधिकारियों से शीघ्र अति शीघ्र इनका निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि देहरा में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड के अधीक्षण अधियंता के कार्यालय, एसपी ऑफिस, सी.एम ऑफिस सहित अन्य जरूरी कार्यालय खुलने से यह विधानसभा क्षेत्र भी अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह प्रगति की राह पर अग्रसर होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया