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कठुआ 23 दिसंबर (हि.स.)। जिला प्रशासन ने उपायुक्त कठुआ डॉ. राकेश मिन्हास के मार्गदर्शन में सीएचसी नगरी में वयस्क बीसीजी वैक्सीन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य कमजोर वयस्क आबादी के बीच बीसीजी वैक्सीन की प्रभावशीलता का आकलन करना है, जो टीबी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
शुभारंभ कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन विधायक कठुआ डॉ. भारत भूषण ने किया और इसमें राज्य क्षय रोग अधिकारी (जेएंडके) डॉ. ज्योति जॉली, सीएमओ कठुआ डॉ. विजय रैना, जिला क्षय रोग अधिकारी कठुआ डॉ. राधा कृष्ण और बीएमओ नगरी डॉ. विवेक मंगोत्रा सहित कई प्रतिष्ठित स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया, जिनमें से कुछ ने सर्वेक्षण अवधि के दौरान वैक्सीन प्राप्त करने का विकल्प चुना। भारत सरकार के वयस्क बीसीजी टीकाकरण अध्ययन के हिस्से के रूप में जिला कठुआ को कमजोर वयस्कों में वैक्सीन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए पायलट जिलों में से एक के रूप में चुना गया है। अगले तीन महीनों में अभियान विशिष्ट भेद्यता मानदंडों के आधार पर पहचाने गए लगभग 32,000 व्यक्तियों को लक्षित करेगा। इनमें टीबी रोग का इतिहास 60 वर्ष या उससे अधिक आयु, धूम्रपान का इतिहास, टीबी रोगियों के निकट संपर्क, मधुमेह और कम बॉडी मास इंडेक्स शामिल हैं। सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी पांच ब्लॉकों में एक साथ संचालित होने वाले 48 टीकाकरण सत्रों की योजना बनाई गई है। इस पहल की बारीकी से निगरानी की जाएगी और टीबी-विन प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसे क्रियान्वित किया जाएगा, जो लाभार्थियों और उनके टीकाकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दर्ज करेगा। लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए विधायक डॉ भारत भूषण ने उच्च जोखिम वाले समूहों की सुरक्षा और तपेदिक के खिलाफ प्रतिरक्षा बढ़ाने में इस कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वास्थ्य अधिकारियों और स्वयंसेवकों के सहयोगात्मक प्रयासों की भी सराहना की।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया