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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। सफदरजंग अस्पताल में बुधवार को स्तनपान प्रबंधन यूनिट (एलएमयू) की शुरुआत की गई। यह केन्द्र सालाना 2000 नवजात शिशुओं को लाभान्वित करेगा, जो सफदरजंग अस्पताल के मदर न्यूबॉर्न इंटेंसिव केयर यूनिट (एमएनआईसीयू ) में भर्ती होंगे। इस केन्द्र की शुरुआत के अवसर पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने इसे महत्वूपर्ण उपलब्धि बताते हुए समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि अध्ययनों से पता चला है कि स्तनपान भारत की अर्थव्यवस्था में 626 मिलियन अमेरिकी डालर जोड़ सकता है। स्तनपान प्रबंधन यूनिट की सुविधा सफदरजंग अस्पताल में नवजात मृत्यु दर और रुग्णता को काफी हद तक कम करेगी।
मदर न्यूबॉर्न इंटेंसिव केयर यूनिट की प्रभारी डॉ. सुगंधा आर्य ने बताया कि देश में प्रति वर्ष 27 मिलियन बच्चे जन्म लेते हैं। इनमें पैदा हुए औसतन प्रति 1,000 जीवित बच्चों के मुकाबले 20 नवजात की मृत्यु हो जाती है। नव स्थापित 40 बिस्तरों वाला यह केन्द्र माताओं और शिशुओं के लिए वरदान साबित होगा। नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध सबसे अच्छा भोजन है। इस केन्द्र से हर छोटे और बीमार नवजात को मां का अपना दूध उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि देश में अधिकांश स्तनपान प्रबंधन इकाइयां एक ही अस्पताल में जन्मे शिशुओं (इंट्राम्यूरल शिशुओं) के लिए काम कर रही हैं। यह केंद्र सरकार के अस्पतालों में रेफर किए गए शिशुओं के लिए पहला एलएमयू है। इस केन्द्र में माताओं को नवजात शिशुओं के साथ भर्ती किया जाता है, जिसमें मां और बच्चे को अलग-अलग नहीं रखा जाता है।
उल्लेखनीय है कि लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट यानी स्तनपान प्रबंधन यूनिट, अस्पतालों में स्तनपान से जुड़ी सुविधाओं वाला केंद्र होता है। इन यूनिट में मां का दूध इकट्ठा किया जाता है और उसे सुरक्षित रखा जाता है। इस दूध का इस्तेमाल, ज़रूरत पड़ने पर बीमार या समय से पहले पैदा हुए बच्चों को दिया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी