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- योगी सरकार का विकास पर केंद्रित एजेंडा विपक्ष को दिखा रहा आईना
लखनऊ, 11 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके, खासकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। 2017 में शुरू हुई यह योजना आज न केवल इन वर्गों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि सामाजिक समरसता और समावेशिता को भी मजबूत कर रही है। अब तक इस योजना के तहत 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार द्वारा पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ कराई जा चुकी है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि इस योजना ने उन राजनीतिक दलों को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जो लंबे समय तक पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति के सहारे सत्ता का आनंद लेते रहे लेकिन उनके लिए ठोस विकास कार्य करने में विफल रहे। विपक्ष की राजनीति को आइना दिखाते हुए, इस योजना ने यह साबित कर दिया है कि केवल वादों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से ही समाज का सशक्तिकरण संभव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास और समावेशिता को प्राथमिकता देकर यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार सबका साथ, सबका विकास के सिद्धांत पर अडिग है।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन बदलने वाली है योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े यह स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह योजना कितनी प्रभावशाली साबित हुई है। अब तक इस योजना का सबसे अधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है, जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है। वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं। वहीं सामान्य वर्ग के करीब 16,000 गरीब परिवारों ने अब तक सामूहिक विवाह योजना का लाभ लिया है। विवाह समारोह में हर जोड़े को 51,000 रुपये की मदद दी जाती है। इसमें विवाह से जुड़ी आवश्यक सामग्री, वधू के खाते में नकद धनराशि और आयोजन की व्यवस्था शामिल होती है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े सात वर्षों के कार्यकाल में बार-बार यह दिखाया है कि उनकी प्राथमिकता वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के सभी वर्ग, विशेषकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, मुख्यधारा से जुड़े और उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यही वजह है कि इस योजना के लिए योगी सरकार ने अब तक करीब 2,200 लाख रुपये से अधिक की धनराशि खर्च कर चुकी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जाति और धर्म की सीमाओं को पार कर सभी को समान अवसर प्रदान करती है। विवाह समारोह में धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई समुदाय का हो। यह पहल सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी संदेश देती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला