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कोलकाता, 11 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को पश्चिम बंगाल वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया गया। राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि जीएसटी में किए गए संशोधन पूरी तरह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों के अनुरूप हैं, जिन्हें सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया था।
विधेयक का विरोध करते हुए भाजपा विधायक विश्वनाथ करक ने इसे समझ से परे बताया। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार का यह कदम केवल अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए है। करक ने आरोप लगाया कि राज्य में पैदा होने वाला हर बच्चा लाखों करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ से दबा हुआ है, और सरकार शराब की बिक्री से कमाई पर ही निर्भर है।
इस पर पलटवार करते हुए चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि जीएसटी परिषद में शामिल समूह के सदस्य विभिन्न राज्यों से हैं, जिनमें भाजपा और गैर-भाजपा दोनों पार्टियां शामिल हैं। बंगाल का इसमें एक महत्वपूर्ण स्थान है, और हमारी बातें और सुझाव परिषद की बैठकों में शामिल किए गए हैं। भाजपा द्वारा इस विधेयक का विरोध केवल राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है।
मंत्री ने यह भी कहा कि बंगाल आज जो सिफारिश करता है, भारत उसे कल अपनाता है। इन सिफारिशों को अन्य राज्यों ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह संशोधन 2017 के जीएसटी अधिनियम के उद्देश्यों और कारणों के अनुरूप है और इससे सूक्ष्म और छोटे उद्यमियों को काफी लाभ मिलेगा।
विधेयक पर बहस के दौरान वरिष्ठ भाजपा विधायक और अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि यदि वे उपस्थित होते तो बेहतर होता। हम उनके विचारों की उम्मीद कर रहे थे। शायद उन्हें इस विधेयक के खिलाफ कुछ नहीं मिला।
आखिरकार, विधेयक को सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर