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जोधपुर, 11 दिसम्बर (हि.स.)। जोधपुर शुष्क वन अनुसंधान संस्थान जोधपुर (आफरी) द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों के कार्मिकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार से आरम्भ हुआ।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित यह प्रशिक्षणशुष्क क्षेत्रों के सतत वानिकी संरक्षण तथा पारिस्थितिक पहलुओं पर जागरूकता विषय पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिकडॉ. जी. सिंह द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में डॉ. सिंह ने ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट के प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभावों के बारे में बात करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित होकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने इस प्रशिक्षण को सभी प्रशिक्षणार्थियों के लिए महत्वपूर्ण बताया। इसके पश्चात समूह समन्वक (शोध) डॉ संगीता सिंह एवं कोर्स समन्वयक ने अपने स्वागत उद्बोधन में संस्थान के कार्यों का परिचय देते हुए इस प्रशिक्षण को वानिकी संरक्षण में अन्य कार्मिकों की भूमिका को उपयोगी बताया। मुख्य तकनिकी अधिकारी, विस्तार प्रभाग डॉ. बिलास सिंह, ने कार्यक्रम का परिचय एवं रूपरेखा बताई। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में डॉ. जी. सिंह ने शुष्क क्षेत्रों और वन पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता के लिए संसाधनों का संरक्षण, डॉ संगीता सिंह ने जैव उत्पादकता बढ़ाने में सूक्ष्मजीवों और जैव उर्वरकों का उपयोग, डॉ. सुरेश कुमार ने शुष्क भूमि के जैव संसाधनों का दोहन तथा डॉ. बिलास सिंह ने शुष्क क्षेत्र कृषि वानिकी के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और आजीविका विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन कुसुम परिहार ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश