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कोलकाता, 11 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के दीघा में बन रहे जगन्नाथ मंदिर को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार इस मंदिर के निर्माण के लिए सरकारी खजाने का उपयोग कर रही है, जो संविधान के विरुद्ध है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को घोषणा की थी कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहे इस मंदिर का उद्घाटन अगले साल अप्रैल में अक्षय तृतीया के दिन किया जाएगा। लेकिन शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मंदिर निर्माण के लिए राज्य की एक सरकारी एजेंसी ने 'जगन्नाथ धाम संस्कृति केंद्र' नामक परियोजना का वर्क ऑर्डर जारी किया है, जिसमें मंदिर का उल्लेख नहीं है।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार, सरकार किसी विशेष धर्म के लिए कोई संस्था बनाने में सरकारी धन का उपयोग नहीं कर सकती। पुरी का जगन्नाथ मंदिर, जो चार धामों में से एक है, का अनुकरण नहीं किया जा सकता। ममता बनर्जी का हिंदू संगठनों से कोई संबंध नहीं है। राम मंदिर निर्माण के बाद ही उन्होंने हिंदू समुदाय का समर्थन पाने के लिए यह कदम उठाया है।
शुभेंदु अधिकारी ने यह भी कहा कि कोलकाता के कालीघाट मंदिर का नवीनीकरण एक निजी कंपनी के कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड से किया जा रहा है, और मुख्यमंत्री हर चीज का श्रेय लेना चाहती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर