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कोलकाता, 11 दिसंबर (हि. स.)। आर.जी. कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के बेलघरिया स्थित घर को लेकर कोलकाता नगर निगम में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। ‘अवैध निर्माण’ के इस मामले की सुनवाई बीच में ही रुक गई, जब संदीप घोष के वकील सुनवाई स्थल से बाहर निकल गए।
बेलघरिया के इस घर के ऊंचाई, सीढ़ी और एक दीवार को अवैध बताया गया है। यह शिकायत अंशुमान सरकार नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी। इसी शिकायत के आधार पर कोलकाता नगर निगम ने 30 सितंबर को घर पर ‘अवैध निर्माण’ का नोटिस चस्पा किया था। मामले को बाद में हाईकोर्ट में ले जाया गया।
बुधवार को कोलकाता नगर निगम ने शिकायतकर्ता और संबंधित वकीलों को सुनवाई के लिए बुलाया था। हालांकि, सुनवाई के दौरान नगर निगम के अधिकारी और शिकायतकर्ता के बीच तीखी बहस हो गई, जिससे कार्यवाही बीच में ही रुक गई।
शिकायतकर्ता अंशुमान सरकार का आरोप है कि नगर निगम ने सुनवाई के लिए अधूरी रिपोर्ट तैयार की थी। उनके अनुसार, घर का नक्शा और अवैध निर्माण के सही आंकड़े पेश नहीं किए गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संदीप घोष को बचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, इससे पहले नगर निगम ने उस घर पर अवैध निर्माण का नोटिस पहले ही लगा दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर