पारदर्शिता पूर्वक राजस्व कार्यों का निस्तारण करें अधिकारी : उपायुक्त
धर्मशाला, 11 दिसंबर (हि.स.)। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि अधिकारी राजस्व कार्यों का पूर्ण पारदर्शिता पूर्वक निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी कार्य योजना बनाकर मिशन मोड पर राजस्व कार्यों को निपटाएं ताकि आम जनता को कार्या
समीक्षा बैठक करते हुए उपायुक्त।


धर्मशाला, 11 दिसंबर (हि.स.)। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि अधिकारी राजस्व कार्यों का पूर्ण पारदर्शिता पूर्वक निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी कार्य योजना बनाकर मिशन मोड पर राजस्व कार्यों को निपटाएं ताकि आम जनता को कार्यालयों के अनावश्यक चकर न लगाना पड़े। बुधवार को ज्वाली उपमंडल में विभिन्न विभागों के तहत चल रहे विकास कार्यों तथा योजनाओं पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि लोगों को पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए अधिकारी पूरी तत्परता से कार्य करें।

उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को गांवों में विकास कार्यों को बिना लेट लतीफी के निर्धारित समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा की उपमंडल मे पीएम जीएसवाई चरण 3 के तहत विभिन्न सड़कों के उन्नयन कार्य किए जा रहे हैं I उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों के निर्माण कार्यों को गुणवत्ता की दृष्टि से नियमित मोनिट्रिंग करने के निर्देश दिये I उपायुक्त ने बाल विकास विभाग के आधिकारियों को सरकार की फ्लागशिप योजनाओं व कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार करने तथा प्राप्त आवेदनों का त्वरित निष्पादन करने के निर्देश दिये I

डीसी ने कहा कि ग्रामीण समृद्धि को अधिमान देते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं I उन्होंने कहा कि ज्वाली उपमंडल कांगड़ा जिले का एक कृषि समृद्ध क्षेत्र है। उन्होंने कृषि व बागवानी अधिकारियों को किसानों के खेतों में जा कर उनकी समस्याओं को जानने व किसानों का सही मार्गदर्शन करने के निर्देश दिए I उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रगति पर अधिकारियों से रिपोर्ट भी ली।

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने उपमंडल के स्कूलों का औचक दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं का जायजा लिया। उन्होंने अध्यापकों तथा बच्चों से उन्हें आ रही परिशानियों बारे चर्चा की। उन्होंने बच्चों को दिया जाने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता भी जांची। उन्होंने शिक्षकों को स्कूल में उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण सदुपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों से सभी तरह के बच्चों को ध्यान में रख कर अपनी शिक्षण शैली में रचनात्मक बदलाव करने की अपील की।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया