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कोलकाता, 11 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर कुलपतियों की नियुक्ति में मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्हें 'पोस्ट बॉक्स' की तरह काम करने वाला बताया। राज्य विधानसभा में बुधवार को ‘भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक, 2024’ पेश करते हुए बसु ने राज्य के 35 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल की भूमिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री को सर्च कमेटी द्वारा सुझाए गए नामों की सूची से कुलपति नियुक्त करने का अधिकार है। इसके बावजूद राज्यपाल दो-तीन नामों को स्वीकृति देकर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं।
बसु ने कहा कि राज्यपाल ने अधिकांश नियुक्तियों पर रोक लगाई हुई है। मुख्यमंत्री उनकी संवैधानिक भूमिका का सम्मान कर रहे हैं, लेकिन धैर्य की भी एक सीमा होती है। यदि राज्यपाल का यह रवैया जारी रहा तो इसे सार्वजनिक रूप से चुनौती दी जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में देरी से उनकी कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। बसु ने राज्यपाल को संविधान का पालन करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह व्यवहार बचकाना है।
बसु ने भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसे भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित किया जाएगा। यह संस्थान दक्षिण कोलकाता के बी. एल. साहा रोड पर स्थित होगा। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार की सभी समुदायों, धर्मों और भाषाई समूहों के सम्मान और मान्यता की नीति के अनुरूप है।
विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए बसु ने भाजपा शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और गुजरात में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना का उल्लेख किया और कहा कि वहां भी ऐसे विधेयक पारित किए जाते हैं।
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भाजपा विधायक ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने राज्य सरकार पर निजी बी. एड. कॉलेजों और उच्च शिक्षा संस्थानों में भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य में शिक्षा विभाग से जुड़े घोटालों में मंत्रियों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हकीम और मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने स्पीकर से घोष के भाषण से इन संदर्भों को हटाने का अनुरोध किया।
बहस के बाद भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। यह विश्वविद्यालय राज्य का 44वां विश्वविद्यालय होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर