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कोलकाता, 11 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में चल रहे संकट के बीच अवैध घुसपैठ की आशंका को देखते हुए पश्चिम बंगाल की अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी कड़ी कर दी है। इन घुसपैठियों में भूमिगत संगठनों के सक्रिय सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने यह निर्णय हाल की दो घटनाओं के बाद लिया है। पहली घटना में दो बांग्लादेशी समुद्री जहाजों को अवैध रूप से भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने पर पकड़ा गया था। दूसरी घटना में खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ आतंकवादी संगठन, विशेष रूप से हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी), पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहा हैं।
खुफिया एजेंसियों ने मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों को इस संदर्भ में सबसे संवेदनशील माना है। ये दोनों जिले अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र हैं। इसके अलावा नदिया जिला भी निगरानी में है, जिसे पहले ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए भारतीय पहचान पत्र तैयार करने का केंद्र माना जा चुका है। खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि हाल ही में हिज्ब-उत-तहरीर के दो सक्रिय सदस्य रिदवान मारुफ और सब्बीर अमीर वैध बांग्लादेशी पासपोर्ट लेकर छात्र बनकर पश्चिम बंगाल आए। उन्होंने मालदा और मुर्शिदाबाद में स्थानीय युवाओं से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों ने शुरू में धार्मिक मुद्दों पर चर्चा की और फिर सीमावर्ती जिलों में स्लीपर सेल स्थापित करने की दिशा में बातचीत को आगे बढ़ाया।
नदिया जिले को सुरक्षा एजेंसियों ने फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनाने का मुख्य केंद्र माना है। इस क्षेत्र से घुसपैठियों को पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे वे भारत में आसानी से फैल सकें। खुफिया जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश के साथ पश्चिम बंगाल की जमीनी सीमाओं के अलावा समुद्री सीमा के माध्यम से भी अवैध घुसपैठ की कोशिशें हो सकती हैं। इसलिए, समुद्री सीमा पर गश्त और निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
पश्चिम बंगाल की सुरक्षा एजेंसियों ने यह कदम उठाकर स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह सख्ती सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर