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- 31 मार्च तक लागू रहेंगे बढ़े हुए रेट
चंडीगढ़, 30 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा में सोमवार से होने वाली जमीनों की रजिस्ट्रियां नए कलेक्टर रेट के अनुसार होंगी। विधानसभा चुनाव से पहले आया प्रस्ताव अब लागू किया जा रहा है। चुनाव के चलते पहले इसे बीच में छोड़ दिया गया था। जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल से लंबित है। उन्होंने कलेक्टर रेट बढ़ाने से पहले जिलों में मार्केट वैल्यू का पता करने के निर्देश दिए थे। उन्हीं के आदेश पर उपायुक्तों ने कलेक्टर रेट को लेकर सर्वे करते हुए जमीन की मार्केट वैल्यू के हिसाब से रेट तय किए हैं, जिन्हें अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वीकार कर लिया है।
राज्य में बढ़े हुए कलेक्टर रेट एक दिसंबर से 31 मार्च 2025 तक मान्य होंगे। उसके बाद दोबारा इसका रिव्यू किया जाएगा। जमीन के कलेक्टर रेट किसी भी जिले में प्रशासन तय करता है। यह अलग-अलग शहर के अलग-अलग इलाकों में जमीन की बाजार वैल्यू के आधार पर तय किया जाता है। कलेक्टर रेट किसी भी जिले में जमीन की वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर कोई रियल एस्टेट प्रापर्टी खरीददार को बेची जा सकती है।
एनसीआर में जमीन महंगी होने के कारण वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी अधिक हैं। जिला उपायुक्तों की ओर से राज्य सरकार को भेजे गये प्रस्तावों में 12 से 32 प्रतिशत तक जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ाने की सिफारिश की गई है, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है। बढ़े हुए कलेक्टर रेट पर जमीन की रजिस्ट्रियां होने से सरकारी खजाने के भरने के आसार हैं। राज्य के सभी मंडल आयुक्तों व जिला उपायुक्तों को एक दिसंबर से बढ़े हुए कलेक्टर रेट पर जमीन की रजिस्ट्रियां करने संबंधी परिपत्र जारी कर दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा