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कोकराझार (असम), 30 नवम्बर (हि.स.)। महिलाओं से संबंधित योजनाओं के कार्यान्वयन पर आज जिला स्तरीय परामर्श बैठक का आयोजन कोकराझार स्थित डीसी कॉन्फ्रेंस हॉल में किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त (डीसी) मसांडा पर्टिन ने लैंगिक आधारित हिंसा के बदलते रूपों पर प्रकाश डाला, जो अब साइबरबुलिंग, फोटो मॉर्फिंग और सोशल मीडिया पर महिलाओं के उत्पीड़न जैसे सूक्ष्म तरीकों तक फैल चुका है। उन्होंने इन सूक्ष्म आक्रामकताओं की पहचान करने और उन्हें सक्रिय रूप से हल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसके साथ ही डीसी ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए मजबूत कानूनी सुरक्षा उपायों, सरकारी पहलों और आर्थिक व शैक्षिक सहायता प्रणाली की अहमियत को रेखांकित किया।
बैठक के दौरान मुख्य चर्चाओं में घरेलू हिंसा अधिनियम, पीओएसएच अधिनियम, शी-बॉक्स पोर्टल, आईसीसी और बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए के तहत कानूनी प्रावधान शामिल थे, जिनका उद्देश्य महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देना था। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय जेंडर कैंपेन 3.0, जेंडर रिसोर्स सेंटर और मिशन शक्ति योजनाओं के तहत पहलों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक का समापन सभी प्रतिभागियों द्वारा लैंगिक आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की शपथ के साथ हुआ।
यह कार्यक्रम “संकल्प: हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ विमेन, कोकराझार” द्वारा आयोजित किया गया था, जो “लैंगिक आधारित हिंसा समाप्त करने के लिए चल रहे 16 दिनों की सक्रियता” (25 नवंबर से 10 दिसंबर, 2024) का हिस्सा है।
इस अवसर पर प्रमुख प्रतिभागियों में एडीसी कविता डेका, गृह विभाग, एसएसए, एनएचएम, पीएनआरडी, एएसआरएलएम, सीडीपीओ, शक्ति सदन के प्रतिनिधि और विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों के सदस्य शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा