विकसित भारत की कहानी विज्ञान की वर्णमाला में लिखी जाएगी: डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली, 30 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुवाहाटी में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 का उद्घाटन करते हुए कहा कि विकसित भारत की कहानी विज्ञान की वर्णमाला में लिखी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह साइंस फेस्टिवल।का उद्घाटन करते हुए


नई दिल्ली, 30 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुवाहाटी में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 का उद्घाटन करते हुए कहा कि विकसित भारत की कहानी विज्ञान की वर्णमाला में लिखी जाएगी। भारत का विकसित राष्ट्र बनने का मार्ग वैज्ञानिक उन्नति और नवाचार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता से जुड़ा हुआ है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया, जहां विज्ञान प्रगति को आगे बढ़ाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पांच महीनों में ही छह प्रमुख निर्णय लिये गए। इनमें 1 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना, अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर फंड और मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने के लिए मिशन मौसम की शुरुआत शामिल है। उन्होंने पर्यावरण, आर्थिक और रोजगार वृद्धि के लिए जैव प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए डिज़ाइन की गई बायो-ई3 पहल और 2 करोड़ से अधिक छात्रों के लिए अकादमिक पत्रिकाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए “एक राष्ट्र, एक सदस्यता” नीति की शुरुआत पर भी चर्चा की। इसके अतिरिक्त, अटल इनोवेशन मिशन, जिसने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त की है, को इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ाया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और कृषि प्रौद्योगिकी में स्टार्टअप मुख्य रूप से बेंगलुरु और पुणे जैसे शहरों से उभरे हैं और उन्होंने छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर के विकास पर जोर देते हुए कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर के अधिकांश हिस्से में बुनियादी ढांचे की कमी थी लेकिन आज रेलवे, जलमार्ग और सड़क नेटवर्क का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर अब हाशिये पर नहीं है, बल्कि भारत की विकास कहानी का केंद्र है।

आईआईएसएफ 2024 में प्रतिभागियों को शामिल करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए विविध प्रकार की गतिविधियां प्रदान करता है। मुख्य आकर्षणों में संग्रहालय का चंद्रमा प्रदर्शन, 3डी लेजर शो, रीइमेजिनिंग भारत प्रदर्शनी और युवा वैज्ञानिक सम्मेलन शामिल हैं। विज्ञान रक्षा प्रदर्शनी और पूर्वोत्तर के वैज्ञानिक संसाधनों की खोज के लिए समर्पित एक विशेष विज्ञान यात्रा, जिज्ञासा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम के मिशन को और अधिक रेखांकित करती है।

इस महोत्सव ने इसमें देश भर से 10,000 से अधिक छात्रों की भागीदारी के साथ वैज्ञानिक और नवप्रवर्तकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए एक मंच के रूप में इसके महत्व को रेखांकित किया।

इस महोत्सव में भारत के वैज्ञानिक समुदाय की कई हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें नीति आयोग के डॉ. वीके सारस्वत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर एके सूद, सीएसआईआर का नेतृत्व करने वाली पहली महिला डॉ. एन कलैसेल्वी, जैव प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. राजेश गोखले और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर प्रमुख हैं। इनकी उपस्थिति ने वैज्ञानिक नवाचार और सहयोग के लिए एक मंच के रूप में महोत्सव की भूमिका को उजागर किया।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए आईआईएसएफ 2024 का आयोजन कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी