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ऋषिकेश, 01 नवम्बर(हि.स.)। ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर माधवाश्रम महाराज के सातवें निर्वाण उत्सव को जनार्दन आश्रम दंडीवाडा मायाकुंड में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ आराधना पर्व के रूप में मनाया गया।
शनिवार को डंडी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ की अध्यक्षता में आयोजित महोत्सव में जनार्दन आश्रम के संचालक एवं शंकराचार्य माधवाश्रम महाराज के शिष्य केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरुदेव हमेशा सनातन धर्म के संवर्धन और संरक्षण में लगे रहे, बाल्य काल से लेकर, जीवन के अंतिम समय तक उन्होंने गौ, गंगा, गायत्री, गीता, गोविंदा तथा उनके अपने वाक्य रोटी, बेटी और चोटी का संवर्धन एवं संरक्षण किया।
उन्हाेंने कहा कि गुरुदेव ने पहाड़ के एक छोटे से गांव से अपना जीवनकाल आरंभ किया एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर अभिसिक्त होकर के संपूर्ण राष्ट्र को वेदों का महत्व शास्त्रों का तात्पर्य एवं सनातन की महत्ता को बताया। गुरुदेव के पूरे भारतवर्ष में अनेकों स्थानो में संस्कृत विद्यालय गौशालाएं मंदिर औषधालय आज भी कुशलता से संचालित हो रहे हैं। गुरुदेव का सातवां निर्वाण उत्सव पर हम उनको याद करते हुए उनके बताए हुए सद्ममार्ग पर चल पाए, यही प्रार्थना उनके चरणों में करते हैं।
सातवां निर्वाण उत्सव में पहुंचे उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल एवं नगर निगम की निवर्तमान महापौर अनीता ममगाईं ने शंकराचार्य भगवान माधवाश्रम महाराज के जीवन काल को स्मरण करते हुए उनकी कही हुई बातों को याद करते हुए उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का सभी से आह्वान किया।
इस अवसर पर माधवाश्रम महाराज के परम शिष्य ब्रह्मचारी कल्याण स्वरूप, स्वामी अखंडानंद महाराज, नरेंद्र आचार्य, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, डॉक्टर राजेश नैथानी, डॉक्टर जनार्दन प्रसाद कैरवान, आसाराम व्यास, दिनेश सती, आश्रम के ट्रस्टी शैलेंद्र मिश्रा, एलपी पुरोहित जी, जवाहर बंसल, हरीश डिमरी, मनीष डिमरी, आचार्य शिवस्वरूप नौटियाल, वैदिक ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा, गंगाराम व्यास, पुरुषोत्तम रणकोटी, आचार्य जितेंद्र भट्ट, मनोज नौटियाल, रमाबल्लभ भट्ट, रीना शर्मा, पंकज शर्मा, नवीन भट्ट, शिवप्रसाद उनियाल, देवेंद्र रौथान आदि लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह