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नई दिल्ली, 13 नवंबर (हि.स.)। भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में एक अहम पड़ाव पर पहुंच गया है। देश की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 200 गीगावाट को पार कर गई है। ये उल्लेखनीय वृद्धि वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावॉट प्राप्त करने के देश के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य के अनुरूप है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार कुल नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता अब अक्टूबर तक 203.18 गीगावॉट है, जो देश की कुल स्थापित क्षमता का 46.3 फीसदी से अधिक है। यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता और हरित भविष्य के निर्माण में इसकी प्रगति को दर्शाती है।
मंत्रालय के मुताबिक देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावॉट तक पहुंच गई है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, समग्र बिजली मिश्रण का एक अहम हिस्सा है। भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में महज एक साल में 24.2 गीगावॉट (13.5 फीसदी) की शानदार वृद्धि दर्ज हुई है। यह अक्टूबर 2024 में 203.18 गीगावॉट तक पहुंच गई, जो अक्टूबर 2023 में 178.98 गीगावॉट थी। इसके अतिरिक्त, परमाणु ऊर्जा को शामिल करने पर भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 2023 में 186.46 गीगावॉट की तुलना में साल 2024 में बढ़कर 211.36 गीगावॉट हो गई है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत हुई है। 8,180 मेगावाट परमाणु क्षमता को भी शामिल किया जाए, तो कुल गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली अब देश की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग आधा हिस्सा है, जो वैश्विक मंच पर स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में एक मजबूत कदम का संकेत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर