गुरुग्राम: काला धन विदेशों में भेजने वालों पर चला क्राइम ब्रांच का चाबुक
-फर्जी कंपनियां बनाकर विदेशों में भेजते थे काला धन -अब तक हरियाणा की राज्य अपराध शाखा ने 7 आरोपियों को किया है अरेस्ट गुरुग्राम, 1 नवंबर (हि.स.)। फर्जी कंपनियां बनाकर विदेशों में काला धन भेजने वालों पर हरियाणा राज्य अपराध शाखा का चाबुक चला है। राज्
गुरुग्राम: काला धन विदेशों में भेजने वालों पर चला क्राइम ब्रांच का चाबुक


-फर्जी कंपनियां बनाकर विदेशों में भेजते थे काला धन

-अब तक हरियाणा की राज्य अपराध शाखा ने 7 आरोपियों को किया है अरेस्ट

गुरुग्राम, 1 नवंबर (हि.स.)। फर्जी कंपनियां बनाकर विदेशों में काला धन भेजने वालों पर हरियाणा राज्य अपराध शाखा का चाबुक चला है। राज्य की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

पुलिस प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि

इनमें से पांच आरोपितों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की गई है। जांच में पता चला है कि आरोपितों ने अब तक अवैध तरीके से विदेशी कंपनियों को कालाधन के रूप में सात सौ करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैे।

दरअसल, पुलिस ने इसी साल 18 मार्च को मिली एक शिकायत पर हरियाणा पुलिस के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कड़ा संज्ञान लेकर राज्य अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक व गुरुग्राम पुलिस के उपायुक्त नीतीश अग्रवाल की अध्क्षता में विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की थी। जांच में खुलासा हुआ कि फर्जी निदेशकों के नाम से कंपनियों को पंजीकृत करवाया गया है। इन कंपनियों के निदेशक के बैंक खाते, बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत करके निजी तौर पर व ईकेवाईसी करवाकर खुलवाए जाते थे। उन खातों के एमटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग पासवार्ड, पंजीकृत मोबाइल के सिम आरोपियों ने अपने पास ही रखे जाते थे। वे इन खातों को खुद ही चलाते थे। फर्जी निदेशकों के नाम से नकली दस्तावेज जमा करवाकर जो कंपनियों बनाई गई थीं। उन कंपनियों का विदेशी कंपनियों के साथ बिजनेस दिखाकर मुंबई व गुजरात की बंदरगाहों पर विदेशों से माल मंगवाकर आयात, निर्यात किया जाता था। इनवॉयस बिल में सामान की कीमत को बाजार की कीमत से कई गुणा से ज्यादा दिखाकर भारतीय मुद्रा को विदेशों में भेजा जाता था। अवैध तौर पर प्रति डॉलर अच्छा-खासा कमीशन लिया जाता था। आरोपिताें ने कंपनियों के बिजनेस कैंपस, बैंक रिकॉर्ड, आरओसी एंड सीजीएसटी रिकॉर्ड व आयात-निर्यात संबंधी दस्तावेजों में अलग-अलग दर्शाए जाते थे, ताकि किसी भी विभाग की पकड़ में ना आ सकें।

जांच में पता चला कि आरोपित कंपनियों के खातों में रुपये अन्य कंपनियों के खातों से फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाकर मंगवाए जाते थे। उन कंपनियों के बड़े खातों से रकम आरोपित डॉलर में विदेशी कंपनी के खाते में भेजी जाती थी। आरोपित विदेशी कंपनियों से सामान किराए पर लेकर दस्तावेजों में उनसे खरीदा हुआ दिखाते थे। माल का आयात करने के कुछ समय बाद वापस उसी माल को निर्यात दिखाते थे। आयात दिखाए गए सामान की पेमेंट को विदेशी कम्पनी के खातों में भेज दिया जाता था। फर्जीवाड़े का खुलासा जब हुआ, जब जांच में पाया गया कि निर्यात किए गए माल की पेमेंट वापस स्थानीय कंपनी के खाते में ट्रांसफर नहीं की जाती।

एसआईटी ने जांच के बाद आरोपिताें पर शिकंजा कसशा शुरू किया। गिरफ्तार आरोपिताें में तीन दिल्ली के निवासी हैं। बाकी के झज्जर, सोनीपत, फरीदाबाद व देहरादून के रहने वाले हैं। इस फर्जीवाड़े में पांच आरोपिताें के खिलाफ अदालत में पुख्ता सबूतों के साथ चार्ज शीट दाखिल की जा चुकी है। पुलिस के अनुसार जांच के दौरान आरोपिताें से कंपनियों के फर्जी दस्तावेज, 26 मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंपनियों के मोहरें व अन्य सामान बरामद किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा