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हरिद्वार, 29 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में एक भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि धन्वंतरि का पूजन और सामूहिक यज्ञ कर किया गया। कार्यक्रम का संयोजन जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने किया।
योगाचार्य डॉ. प्रदीप खेर ने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं बल्कि यह जीवन का समग्र विज्ञान है। यह हमें बताता है कि स्वस्थ और संतुलित जीवन कैसे जिया जा सकता है। आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा का संतुलन बनाए रखने पर आधारित है। प्रो. केके शर्मा ने आयुर्वेद और पंचकर्म की विधियों के विषय में जानकारी दी। राष्ट्रीय आयुष मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने आयुर्वेदिक औषधि निर्माण और अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
पूर्व मंत्री और हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने आयुर्वेद की सराहना की और कहा कि यह चिकित्सा प्रणाली न केवल उपचार के लिए उपयोगी है बल्कि रोगों की रोकथाम और जीवनशैली सुधार में भी अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के प्रति सम्मान और उत्तराखंड में इसके प्रसार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने राज्य में आयुर्वेदिक अनुसंधान को बढ़ावा देने का संकल्प व्यक्त किया।
इस अवसर पर पेयजल निगम के अभियंता चंद्रकांत मणि त्रिपाठी, प्रोफेसर अजय गुप्ता, प्रो. संजय सिंह आदि ने महत्वपूर्ण बातें रखीं। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वास्तिक सुरेश ने किया। इस अवसर पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी अधीक्षक डॉ. अशोक तिवारी, पेयजल निगम के अभियंता चंद्रकांत मणि त्रिपाठी, डॉ. पंकज चौहान, डॉ. यादवेंद्र यादव, ऋषिकुल कैंपस के परिसर निदेशक प्रो. डीसी सिंह, रस शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर खेमचंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला