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धमतरी, 28 अक्टूबर (हि.स.)।जिले में 21वीं पशु संगणना बीते दिनों शुरू हो गई है। इसके तहत पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी घर-घर जाकर घरेलु पशु-पक्षियों की गणना करेंगे। इस कार्य के लिए जिले में 68 प्रगणक और 15 सुपरवाइजर की तैनाती की गई है।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डा एमएस बघेल ने बताया कि पशु गणना के लिए सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं पीएआईडब्ल्यू को प्रगणक एवं अतिरिक्त उपसंचालक, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों को सुपरवाइजर बनाया गया है। साथ ही डा जीपी सूर्यवंशी, अतिरिक्त उप संचालक को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि पशुओं की गणना प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार की जाती है। पशु गणना से यह पता चलता है कि किस क्षेत्र में किस प्रकार के पशु-पक्षी का पालन किया जा रहा है। पशु-पक्षियों की संख्या एवं नस्ल की जानकारी के आधार पर मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पशुपालन से संबंधित योजना तैयार किया जाता है। जिससे पशुपालक योजना का लाभ लेकर अपने आजीविका एवं अतिरिक्त आय में वृद्धि कर सकते हैं। इस बार पशुओं की गणना आधुनिक तकनीक से मोबाईल ऐप के माध्यम से पशुपालको के घर जाकर प्रगणक द्वारा किया जाएगा। जिले के सभी गांव एवं शहरी वार्ड के प्रत्येक घर जाकर पशुधन गण्ना से संबंधित आकड़े एकत्रित किए जाऐंगे।
उपसंचालक ने बताया कि पशु गणना के दौरान प्रगणक पशुपालकों के घर जाकर पशुओं के संबंध पशुपालकों के नाम, पता, आय, व शिक्षा इत्यादि संबंधी जानकारी लेंगे। इस क्रम में पशुओं की संख्या, पशु के नस्ल, लिंग, उम्र व रंग आदि की जानकारी भी ली जावेगी। साथ ही ग्राम एवं वार्डो में घुमंतु पशुओं की गणना की जावेगी। संगणना कार्य के लिए विभागीय अमले, पशु सखी, कोटवार, सरपंच एवं ग्राम सचिव के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उप संचालक ने सभी पशुपालक एवं किसानों से अपील की है कि अपने ग्राम व वार्डो में पहुंचे प्रगणकों को पशु मालिक एवं पशुओं से संबंधित जानकारी देने में सहयोग प्रदान करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा