हिमांशु ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से संबंधित सामग्री संकलन का बनाया रिकार्ड
- हिमांशु ने 13 भाषा में 220 समाचार-पत्रों को इकट्ठा किया - श्री राम को चाबी रिंग और माचीस के डिब्ब
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- हिमांशु ने 13 भाषा में 220 समाचार-पत्रों को इकट्ठा किया

- श्री राम को चाबी रिंग और माचीस के डिब्बे में भी संग्रह किया

देवरिया, 10 अप्रैल (हि.स.)। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को देखने के लिए जहां देश व दुनिया की निगाहें लगी रहीं, वहीं देवरिया के हिमांशु ने 23 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा से संबंधित खबरें मीडिया में जगत में कहां-कहां प्रकाशित हुई, उसके संकलन में जुटा रहा। हिमांशु की मानें तो 13 भाषाओं में 220 समाचार-पत्रों को इकट्ठा किया है। उसके इस कार्य को इण्डिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की कोशिश में जुटा हुआ है।

शहर के न्यू कॉलोनी के रहने वाले हिमांशु कुमार सिंह समाज सेवी और डॉक टिकट संग्रह के साथ पर्यावरण प्रेमी भी है। समय-समय पर जागरूकता भी शहर में चलाते रहते हैं। हिमांशु कुमार ने हिन्दुस्थान समाचार प्रतिनिधि से बताया कि राम के प्रति सबके लिए कुछ यादगार बनाना था। तभी दिमाग में आया कि राम के प्राण प्रतिष्ठा के दिन का पेपर क्यों न अलग-अलग राज्यों से इकट्ठा करें और उस कार्य के लिए जुट गया। यह कार्य बहुत ही कठिन था। लेकिन दृढ़ इच्छा शक्ति थी। जो श्री राम के कृपा से पूरा कर रहा हूं।

उन्होंने बताया कि असम, अरूणाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, छतीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश,उड़ीसा, पश्चिम बंगाल सहित 220 पेपर को इकट्ठा कड़ी मेहनत के बाद किया। इसके अलावा भी अन्य स्थानों के पेपरों को संग्रह करने में जुटा हूं।

उन्होंने बताया कि इग्लिश, उर्दू, पंजाबी, हिन्दी,तेलगू, कन्नड़, मलयालम, बंगाली, मराठी, असामी, गुजराती, तमिल, उड़ीया भाषाओं के पेपर को इकट्ठा किया। बताया कि श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से कलकत्ता टकसाल के द्वारा एक सिक्का निकाला गया है। उसे भी संग्रह कर लिया हूं।

हिमांशु ने बताया कि श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा पर माचिस का भी कलेक्शन निकला था,उसका भी संग्रह किया हूं। प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 12 पेपरों को चाबी रिंग में कवर कर संग्रह किया हूं। संग्रहकर्ता हिमाशु कुमार ने बताया कि मेरा नाम इण्डिया ऑफ बुक रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। आगे लिम्का ऑफ बुक रिकार्ड में दर्ज कराने की कोशिश कर रहा हूं।

हिन्दुस्थान समाचार/ज्योति/राजेश